बनवारी तेरी यारी ने दीवाना लिरिक्स Banwari Teri Yaad Lyrics

श्री कृष्ण को बनवारी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने मथुरा के वंशजों को बंदी बनाए रखा था। इसके अलावा, श्री कृष्ण को उनके कृष्णा (गहरे नीले रंग के) रूप के कारण भी बनवारी कहा जाता है। बनवारी शब्द का अर्थ होता है "जंगल के वासी"।

बनवारी तेरी यारी ने दीवाना लिरिक्स Banwari Teri Yaad Lyrics

 
बनवारी तेरी यारी ने दीवाना लिरिक्स Banwari Teri Yaad Lyrics

दीवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
हो बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

भूल गई सुध बुध अपनी,
बेसुध सी हो गई,
अपने ही घर में रह कर,
बेघर सी हो गई,
तुम्हे शमा बना के,
दिल अपना,
परवाना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

तेरी पायल का बन घुंघरूं,
नाचूंगी संग मैं,
छोड़ रंग दुनियाँ के रंग गई,
तेरे ही रंग में,
तुम्हे बना के मथुरा,
और खुद को,
बरसाना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

कुछ भी कहे जमाना,
अब कोई परवाह नहीं,
धन दौलत और शोहरत की,
अब मुझ को चाह नहीं,
क्या करूँ कांच के टुकड़ों का,
मैंने हीरा पा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

तुम जो प्रेम पतंग बनो,
बन जाऊँगी डोर मैं,
उड़ती फिरूं गगन में,
संग संग चारों ओर मैं,
कहे किशन तेरी पद रेणु ने,
जग बंधन छुड़ा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

दीवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
हो बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।

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"गोपाल" शब्द का अर्थ होता है "गायों का पालन करने वाला"। हिंदी भाषा में श्री कृष्ण को "गोपाल" कहा जाता है क्योंकि वे बचपन में नंद बाबा के घर गोपालों का पालन करते थे। उनकी खूबसूरत खेतों में गायें चराती थीं और वे गोपालों के साथ उन्हें देखभाल करते थे। इसी कारण श्री कृष्ण को "गोपाल" कहा जाता है।

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