बांके बिहारी मेरे हमें कब बुलाओगे
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे,
वृन्दावन की गलियों में,
तुम जो रूठ जाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
बांके बिहारी मेरे,
मुझे तुम जो याद आओगे,
दिन ना कटे ये रात,
हमें तुम रुलाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
कीर्तन किये नाम के,
भोग धरे श्याम के,
देरी होव ना घनश्याम,
तुम जो नहीं आओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
पूजा पाठ करके भी,
मन मेरा ना लागे ये,
दीदार करू तेरे वो,
ख्वाहिश सूरत की,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
भक्त खड़े दर वे,
कृपा तो कर दोगे,
धरम कहे घनश्याम,
चरण में ले लोगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे,
वृन्दावन की गलियों में,
तुम जो रूठ जाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
हमें कब बुलाओगे,
वृन्दावन की गलियों में,
तुम जो रूठ जाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
बांके बिहारी मेरे,
मुझे तुम जो याद आओगे,
दिन ना कटे ये रात,
हमें तुम रुलाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
कीर्तन किये नाम के,
भोग धरे श्याम के,
देरी होव ना घनश्याम,
तुम जो नहीं आओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
पूजा पाठ करके भी,
मन मेरा ना लागे ये,
दीदार करू तेरे वो,
ख्वाहिश सूरत की,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
भक्त खड़े दर वे,
कृपा तो कर दोगे,
धरम कहे घनश्याम,
चरण में ले लोगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे,
वृन्दावन की गलियों में,
तुम जो रूठ जाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे,
वृन्दावन की गलियों में,
तुम जो रूठ जाओगे,
बांके बिहारी मेरे,
हमें कब बुलाओगे।
"बांके बिहारी" श्री कृष्ण जी का प्रसिद्ध नाम है। "बांके बिहारी" नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: "बांके" जिसका अर्थ है "तीन जगहों पर मुड़ा हुआ" और "बिहारी" जिसका अर्थ है "दिल चुराने वाला।"
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण अपने शरारती और चंचल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्हें अक्सर तीन स्थानों पर झुकते हुए दर्शाया जाता है, जो उनकी चंचलता और उनके दिव्य गुणों का प्रतीक है। इसलिए "बांके बिहारी" नाम भगवान कृष्ण को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जिनके पास झुका हुआ रूप है और जो अपने भक्तों के दिल चुराते हैं। "बांके बिहारी" मंदिर नाम उत्तर प्रदेश के वृंदावन शहर में भगवान कृष्ण को समर्पित एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के पूजा के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है, और हर साल पूरे भारत से हजारों भक्तों को अपनी और खींचता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति झुकी हुई है, इसलिए इस मंदिर को बांके बिहारी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
banke bihari bhajan | बांके बिहारी मेरे हमें कब बुलाओगे |Singer Dharmendra Tanwar बिहारी भजन
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