समस्त ब्रह्माण्ड के स्वामी, तीनों लोको पर राज करने वाले, महाराजाधिराज, देवाधिदेव भगवान शिव, सभी प्रकार के, रोग दोष और शोकों का, निवारण करने के, साथ साथ काल योग को, हरने वाले महाकाल, अपने शीश पर आभूषण के, समान चंद्रमा को, धारण करने वाले सोमनाथ, इस मायावी संसार के, सभी प्रकार के मायाजाल से,
मुक्ति दिलाकर तारनेवाले तारणहार शिव, मुझ पर अपनी दया दृष्टि, डालकर सभी कष्टों का, निवारण करते हुये, मेरा ही नहीं सभी का कल्याण करो। ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय। शिव हर शिव हर, शिव हर शिव हर, शिव हर शिव हर, शिव हर। दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम: विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय,
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
कणामृताय शशिशेखरधारणाय, कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय, दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय। गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय, कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय, गंगाधराय गजराजविमर्दनाय, दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय। भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय, उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय, ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय, दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय। चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय, भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय, मंझीरपादयुगलाय जटाधराय, दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय। शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।