देख कर राम जी को जनक नंदिनी लिरिक्स Dekh Kar Ramji Ko Lyrics
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई,
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारों अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
सब सखी देख कर यूँ कहने लगी,
रच दी है विधाता ने सुन्दर जोड़ी,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे कोमल कुंवर,
मन में शंका बनी की बनी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
बोली दूजी सखी ये छोटे ही सही,
पर चमत्कार इनका तू नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़का थी गिरी,
फिर उठी ना पड़ी की पड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
जब अयोध्या से जब जनकपुर गये,
झट से सब सखियाँ थी लगी झाँकने,
राम युगल रूप देख जनक नंदिनी,
जहाँ खड़ी थी खड़ी की खड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
टूटते ही धनुष खलबली मच गई,
झुंझलाने लगे सबका मुख देख कर,
इस सभा में कोई धनुष हिला ना सका,
सबकी अँखियाँ चढ़ी की चढ़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई,
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारों अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई,
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारों अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
सब सखी देख कर यूँ कहने लगी,
रच दी है विधाता ने सुन्दर जोड़ी,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे कोमल कुंवर,
मन में शंका बनी की बनी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
बोली दूजी सखी ये छोटे ही सही,
पर चमत्कार इनका तू नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़का थी गिरी,
फिर उठी ना पड़ी की पड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
जब अयोध्या से जब जनकपुर गये,
झट से सब सखियाँ थी लगी झाँकने,
राम युगल रूप देख जनक नंदिनी,
जहाँ खड़ी थी खड़ी की खड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
टूटते ही धनुष खलबली मच गई,
झुंझलाने लगे सबका मुख देख कर,
इस सभा में कोई धनुष हिला ना सका,
सबकी अँखियाँ चढ़ी की चढ़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई,
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारों अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गई,
देख कर राम जी को जनक नंदिनी,
बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई।
देख कर राम जी को जनक नंदिनी | Dekh Kar Ram Ji Ko | Ramnavmi Most Beautiful Bhajan Bageshwar Dham
Song: Dekhkar Ram Ji Ko Janak Nandini
Singer: Sheetal Pandey
Music: Bablu Bhai
Lyrics: Traditional
Category: Hindi Devotional Bhajan
Singer: Sheetal Pandey
Music: Bablu Bhai
Lyrics: Traditional
Category: Hindi Devotional Bhajan