कैसे भूलूँ सांवरे मैं तेरा उपकार, ऋणी रहेगा तेरा, ऋणी रहेगा तेरा, हरदम मेरा परिवार, कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार, कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।
घूम रही आँखों के आगे, बीते कल की तस्वीरें,
नाकामी और मायूसी, संगी साथी थे मेरे, दर दर भटक रहा था, दर दर भटक रहा था, मैं बेबस और लाचार, कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार, कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।
यकीन हो गया आज मुझे, दुनिया वालो की बातों पे, सुना था मैंने अबतक जो, वो देखा है इन आँखों से,