कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स Kripa Ki Na Hoti Aadat Lyrics

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स Kripa Ki Na Hoti Aadat Lyrics

 
कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स Kripa Ki Na Hoti Aadat Lyrics

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

जो दीनों के दिल में,
जगह तुम ना पाते,
तो किस दिल में होती,
हिफाजत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

गरीबों की दुनियाँ है,
आबाद तुमसे,
गरीबों से है,
बादशाहत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

ना मुल्जिम ही होते,
ना तुम होते हाकिम,
ना घर घर में होती,
इबादत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

तुम्हारी ही उल्फ़त के,
द्रिग बिन्दु हैं यह,
तुम्हें सौंपते है,
अमानत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।
 

Nikunj Kamra Latest Bhajan | कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी | Bindu Ji Maharaj | Bhav Pravah #bhajan


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