मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
तेरे चरणों का जिसने,
लिया आधार है,
बेड़ा उसका,
भवसागर से पार है
ओट अगर जो तेरी,
रहे ना दुनिया का मुहताज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
तेरा सुमिरन सुख,
मंगल का मूल है,
जग की चिन्ता तो,
हृदय का शूल है,
एक बार जो नाम तेरा ले,
पूरण उसके काज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
नाम तेरे की महिमा,
कौन बयान करें,
क्षण भर में जो,
जीवन का कल्याण करें,
नाम तेरा ही है दुनिया में,
सच्चे सुख का साज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
चरण शरण में,
ठौर बख्श कर नाथ जी,
मेरी दुविधा चिन्ता,
और सब पीर हरी,
जन्म जन्म के सोये मेरे,
भाग्य जगे है आज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
निशदिन गीत गुरु जी,
तेरे गाऊं मैं,
बार बार चरणों में,
शीश झुकाऊं मैं,
दासनदास पड़ा दर तेरे,
रखना मेरी लाज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
तेरे चरणों का जिसने,
लिया आधार है,
बेड़ा उसका,
भवसागर से पार है
ओट अगर जो तेरी,
रहे ना दुनिया का मुहताज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
तेरा सुमिरन सुख,
मंगल का मूल है,
जग की चिन्ता तो,
हृदय का शूल है,
एक बार जो नाम तेरा ले,
पूरण उसके काज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
नाम तेरे की महिमा,
कौन बयान करें,
क्षण भर में जो,
जीवन का कल्याण करें,
नाम तेरा ही है दुनिया में,
सच्चे सुख का साज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
चरण शरण में,
ठौर बख्श कर नाथ जी,
मेरी दुविधा चिन्ता,
और सब पीर हरी,
जन्म जन्म के सोये मेरे,
भाग्य जगे है आज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
निशदिन गीत गुरु जी,
तेरे गाऊं मैं,
बार बार चरणों में,
शीश झुकाऊं मैं,
दासनदास पड़ा दर तेरे,
रखना मेरी लाज,
मेरे सतगुरु जी महाराज,
जुगों जुग जय हो तेरी,
तुम सन्तन के सरताज,
जुगों जुग जय हो तेरी।
मेरे सतगुरु जी महाराज जुगों जुग जय हो तेरी तुम सन्तन के सिरताज जुगों जुग जय हो तेरी
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