सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
ओढ़ चुनर मैं तो गयी सत्संग में,
ओढ़ चुनर मैं तो गयी सत्संग में,
साँवरियो भिगोई म्हाने हरे हरे रंग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत गुरासा बिराजे,
साधारी संगत गुरासा बिराजे,
कर कर दर्शन होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत साँवरियो बिराजे,
साधारी संगत साँवरियो बिराजे,
गाय गाय हरि गुण होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत सहेलिया बिराजे,
साधारी संगत सहेलिया बिराजे,
गाय गाय हरी गुण होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
बाई तो मीरा के गिरधर नागर,
बाई तो मीरा के गिरधर नागर,
भवजल पार करे पल छीन में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
ओढ़ चुनर मैं तो गयी सत्संग में,
ओढ़ चुनर मैं तो गयी सत्संग में,
साँवरियो भिगोई म्हाने हरे हरे रंग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत गुरासा बिराजे,
साधारी संगत गुरासा बिराजे,
कर कर दर्शन होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत साँवरियो बिराजे,
साधारी संगत साँवरियो बिराजे,
गाय गाय हरि गुण होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
साधारी संगत सहेलिया बिराजे,
साधारी संगत सहेलिया बिराजे,
गाय गाय हरी गुण होइ रे मगन मैं,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
बाई तो मीरा के गिरधर नागर,
बाई तो मीरा के गिरधर नागर,
भवजल पार करे पल छीन में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में,
सोच रही मन में समझ रही मन में,
थारो म्हारो न्याय होवे लो सत्संग में।
Soch rahi man main samaj rahi man main
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Soch rahi man main samaj rahi man main · Shree Khasoli Dham
Sant Navratan giri ji Maharaj bhajan, Vol. 3
℗ Shree Khasoli Dham
Released on: 2022-05-05
Composer: Sant Navratan giri ji Maharaj
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Sant Navratan giri ji Maharaj bhajan, Vol. 3
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Released on: 2022-05-05
Composer: Sant Navratan giri ji Maharaj
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