बाँसुरी बजाये आज रंग से मुरारी
बाँसुरी बजाये आज रंग से मुरारी
शिव समाधि भूल गये,ऋषि मुनि की नारी,
वेद पढ़त ब्रह्मा भूले,
भूले ब्रम्हचारी,
बाँसुरी बजाये आज,
रंग से मुरारी।
रंभा सम ताल चूकी,
भूली नृत्यकारी,
हो जमुना जल उलटी गयो,
शोभा आज भारी,
बाँसुरी बजाये आज,
रंग से मुरारी।
वृंदावन बंसी बाजी,
तीन लोक प्यारी,
ग्वाल बाल मगन भये,
ब्रज की सब नारी,
बाँसुरी बजाये आज,
रंग से मुरारी।
सुंदर श्याम मोहिनी मूरत,
नटवर वपु धारी,
सुर को प्रभु मदन मोहन,
चरणन बलिहारी,
बाँसुरी बजाये आज,
रंग से मुरारी।
शिव समाधि भूल गये,
ऋषि मुनि की नारी,
वेद पढ़त ब्रह्मा भूले,
भूले ब्रम्हचारी,
बाँसुरी बजाये आज,
रंग से मुरारी।
Bansuri Bajaye Aaj Rang Se Murari by Param Pujya Shri Ramesh Bhai Oza Ji