भोले अपनी नगरिया बुलालो हमको

भोले अपनी नगरिया बुलालो हमको

अपने चरणों का सेवक,
बना लो हमको,
भोले अपनी नगरिया,
बुलालो हमको।

गंगा जल मैं भर भर लाऊ,
कार्तिक गणपति,
गोद खिलाऊ,
अपने बस हां की डोर,
थमा दो हम को,
भोले अपनी नगरिया,
बुलालो हम को।

तोड़ तोड़ लाऊ,
नित वेल की पतियाँ,
प्रेम से बनाऊ शिव,
भांग की गोलियां,,
भांग घोटने का पात्र,
थमा दो हम को,
भोले अपनी नगरिया,
बुलालो हमको।

हे त्रिभुवन पति,
शिव त्रिपुरारी,
कब लोगे सुधि,
शम्भू हमारी,
अपने चरणों की धुल,
बना लो हम को,
भोले अपनी नगरिया,
बुलालो हम को।

अपने चरणों का सेवक,
बना लो हमको,
भोले अपनी नगरिया,
बुलालो हमको
 



Bhole Apni Nagariya Bulalo - Tripti Singh | Shiv Bhajan | Sanskar Bhajan

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