भोले चले भोले चले बम बम बम

भोले चले भोले चले बम बम बम

डारो की डार चले,
हर हर पुकार चले,
शंभू जय जय कार,
चले बम बम,
ॐ कुंजा चले हम,
हम हुंकार चले,
चले बारम्बार,
चले बम बम बम।

आस्था के रथ में,
भोले के पथ में,
कांटे हो या हो,
राहो पे पत्थर,
भोले के गण है,
कितने मगन है,
भक्ति के रस से,
है तर तर,
मस्तो के झुण्ड है,
सुन है प्रचंड है,
हर हर रटे है देखो हर हर,
नाथो के नाथ भी,
अनाथो के साथ है,
ऐसे भोले नाथ मेरे हर हर,
डारो की डार चले,
हर हर पुकार चले,
शमभू जय जय कार,
चले बम बम।

चिमटा खनकता,
डमरू डमकता,
झांझर मंजीरा ताशे बाजे,
कर्पूर गौरम करुणावतार,
मस्तक पे चंदा विराजे,
शिव की लगन में,
बाबा के मनन में,
धुन न कोई और साजे,
नीला नीला रंग है,
कंठ भुजंग है,
चोटी में गंगा विराजे,
धरती चुम चुम चले,
हवा घूम घूम चले,
पर्वत झूम झूम,
चले बम बम।

डारो की डार चले,
हर हर पुकार चले,
शंभू जय जय कार,
चले बम बम,
ॐ कुंजा चले हम,
हम हुंकार चले,
चले बारम्बार,
चले बम बम बम
 


Bhole Chale Bam Bam। भोले चले बम बम | Kailash Kher | Latest Shiv Bhajan | Kawad Special 2022

इस गीत में शिवजी की महिमा गाई गई है। डारो की डार चले, हर हर पुकार चले, शंभू जय जय कार, चले बम बम। इसका अर्थ है कि शिवजी की महानता की घोषणा करते हुए लोग उनकी पुकार के साथ चल रहे हैं और बम बम की आवाज़ में उनकी स्तुति कर रहे हैं। धारणा किए गए रथ में भोले के पथ में, कितने भक्त भोले के गण में मस्त हैं। वे भक्ति के रस में तरंग उत्पन्न करते हैं और हर हर की रट्टी में लीन हैं। नाथों के नाथ और अनाथों के साथ होते हैं, ऐसे भोले नाथ हमारे हर हर। गीत में वर्णित धुन, वाद्य और साज़ों के द्वारा शिवजी की लीलाएं वर्णित की गई हैं, जैसे चिमटा खनकता, डमरू डमकता, झांझर मंजीरा ताशे बाजे और मस्तक पे चंदा विराजे। धरती चले, हवा घूम घूम चले, पर्वत झूम झूम, चले बम बम। गीत में भगवान शिव की महिमा और भक्ति की गहराई को व्यक्त करता है। 

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