चेत रे गुमानी फिर यो जनम ना मिलेगा लिरिक्स Chet Re Gumani Lyrics
चेत रे गुमानी फिर यो जनम ना मिलेगा लिरिक्स Chet Re Gumani Lyrics
ऐजी सतयुग त्रेता द्वापर,और यह कलयुग अनुमान,
अरे सार शबद एक साच है,
और झुठ सब ज्ञान।
चेत रे गुमानी फिर यो,
जनम ना मिलेगा,
माया संग ना चले,
काया संग ना चले।
अरे दस ओर सोलह,
गया खेल में,
बिस तीस रहा,
माया कि जेल,
चालीस साल,
तीरीया कि सेज पे,
पचपन में नाड हिले रे,
माया संग ना चले।
चेत रे गुमानी,
फिर ये जनम ना मिलेगा,
माया संग ना चले,
काया संग ना चले।
अरे काले गये सफेदी आई,
तन की खाल सुकड सब जाई,
बन्दर जेसा मुह हो जाये तेरा,
डग मग नाड हिले रे,
माया संग ना चले।
चेत रे गुमानी फिर यो,
जनम ना मिलेगा,
माया संग ना चले,
काया संग ना चले।
अरे तु कहता है मेरी,
मेरी ये माया तेरी ना मेरी,
धन दोलत थारो,
यही रह जावे,
अग्नि के साथ जलेगा,
माया संग ना चले।
चेत रे गुमानी,
फिर यो जनम ना मिलेगा,
माया संग ना चले,
काया संग ना चले।
भजन करेगा तो,
सुख पावेगा,
धन दौलत थारी,
काम नी आवे,
धन दौलत सब,
यही रह जावे,
कहत कबीर विचारी,
रामा संग ना चले।
चेत रे गुमानी फिर यो,
जनम ना मिलेगा,
माया संग ना चले,
काया संग ना चले।