जगत में उनकी मिटी है चिन्ता

जगत में उनकी मिटी है चिन्ता

जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
उन्ही के जीवन हरे भरे है,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है।

ना तुम को पाया किसी ने बल से,
ना तुम को पाया किसी ने छल से,
पाया है तुमको क्षमा के जल से,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है।

ना तुम को पाया गरीब बनकर,
ना तुम को पाया अमीर बनकर,
पाया है तुमको शहीद बनकर,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है।

ना तुमको पाया किसी ने तन से,
ना तुमको पाया किसी ने धन से,
पाया है तुमको इक सच्चे मन से,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है।

ना तुमको पाया किसी ने गा कर,
ना तुमको पाया भेंट चढ़ा कर,
पाया है तुमको दिल से रिझाकर,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है।

जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
उन्ही के जीवन हरे भरे है,
जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो में आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो में आ गिरे है।
 



|| Bhajan|| जगत में उनकी मिटी है चिंता || Jagat mai unki miti hai || Maa Vaishno Devi Bhajan

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