कब आओगे गुराजी म्हारे देस
एजी मीरा ने सुन यू कही,
और सुन राणा म्हारी बात,
अरे साधु ही मायन बाप हैं,
और संत कुटम परिवार।
कब आओगे गुराजी म्हारे देस,
जोवा थारी बाटडली,
आवन जावन करी गया रे,
करी गया बोल अनेक,
गिनते गिनते घिस गई म्हारी,
ऊंगली यारी रे।
सतगुरू ढूंढन मैं चली रे,
कर जोगनिया भेस,
ढूंढत ढूंढत उमर बीत गए,
धोले हो गए केस।
लिख लिख पाती भेजती रे,
सतगुरू के संदेश,
म्हारी प्रीत लगी सतगुरू से,
और क्या भेजू संदेश।
मीरा ने सतगुरू मिलिया रे,
वर नटवरिया भेस,
कहे तो राणा ले चलू जी,
सतगुरू वाले देस।
कब आओगे गुराजी म्हारे देस || Kab aaoge guru ji mhara desh || Geeta Parag || Kabir Bhajan
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