मैं भोला पर्वत का वासी हूँ लिरिक्स Main Bhola Parwat Ka Wasi Lyrics, Shiv Bhajan
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ,मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।
मैं भोला पर्वत का वासी तू क्यू बनान लगी दासी,
मैं भोला पर्वत का वासी तू क्यू बनान लगी दासी,
अरे जिद अपनी तू छोड़ दे मन,
मन मुझसे अपना मोड ले,
मैं ही आदी मैं अनंत हूँ,
मैं दानव मैं ही संत हूँ,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।
शफरी से मिलते नैन तेरे,
मेरे नैन मैं अग्नि जलती है,
मेने विष में कंठ सजया है,
तेरे रूप से मयूरी खिलती है,
शफरी से मिलते नैन तेरे,
मेरे नैन मैं अग्नि जलती है,
मेने विष में कंठ सजया है,
तेरे रूप से मयूरी खिलती है,
एक डेरा तेरे दिल में मेरा,
एक डेरा मेरा पर्वत मैं,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।
मेरी डाल दो भवरिया भोले जी के संग,
मेरी डाल दो भवरिया भोले जी के संग,
भोले जी के संग जट्टाधारी जी के संग,
भोले जी के संग जट्टाधारी जी के संग,
मेरी दाल दो भवरिया भोले जी के संग,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।
मृग चल ओढ़ कर बैठा हूँ,
तुझे भावे रेशम के जोड़े,
नंदी की करू सवारी मैं,
मेरे पास नहीं हाथी घोड़े,
मृग चल ओढ़ कर बैठा हूँ,
तुझे भावे रेशम के जोड़े,
नंदी की करू सवारी मैं,
मेरे पास नहीं हाथी घोड़े,
घनघोर अघोरी कहलाऊ,
कहलाता हूँ कैलाशी मैं,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ,
मैं भोला पर्वत का वासी हूँ निवासी हूँ।