मैं तो संग जाऊं वनवास

मैं तो संग जाऊं वनवास

मैं तो संग जाऊं वनवास,
मैं तो संग जाऊं वनवास,
स्वामी ना करना निराश,
पग पग संग जाऊं,
जाऊं वनवास,
हे मैं तो संग जाऊं वनवास।

उपर है अग्नि की छतरी,
नीचे तपती बाली,
पाँव में पड़ेंगें छाले,
ना जाओ वनवास ,
हे मैं तो संग जाऊं वनवास,
मैं तो संग जाऊं वनवास।

तुम हो सूर्यवंशी स्वामी,
रखो अपनी छाया,
छाव में चलूँ तुम्हारी,
तुम ही मेरी माया ,
मैं तो संग जाऊं वनवास,
मैं तो संग जाऊं वनवास।

जंगल वन में घूमे हाथी,
भालू शेर और हिरना,
नारी हो तुम डर जाओगी,
ना जाओ वनवास ,
हे मैं तो संग जाऊं वनवास,
मैं तो संग जाऊं वनवास।

तुम तो योद्धावीर हो स्वामी,
तुम ही रक्षा करना,
बाण तुम्हारे काँधे सोहे,
संग हो तो क्या डरना,
मैं तो संग जाऊं वनवास।

मैं तो संग जाऊं वनवास,
मैं तो संग जाऊं वनवास,
स्वामी ना करना निराश,
पग पग संग जाऊं,
जाऊं वनवास,
हे मैं तो संग जाऊं वनवास।
 


Bhupen Hazarika Lata Manageskar only hindi duet- MAIN TU SANGE JAON VANVAS

"मैं तो संग जाऊं वनवास" एक गीत है जो सीता माता के वनवास के समय के बारे में है। इस गीत में सीता माता कहती है कि वह अपने पति रामजी के साथ वनवास में जाना चाहती है। उन्हें डर होता है कि वन में हाथी, शेर, भालू और हिरण जैसे जानवर हो सकते हैं, लेकिन वह अपने पति के साथ होकर डरने वाली नहीं होगी। वह अपने पति को योद्धावीर कहती है और उन्हें कहती है कि वह अपनी रक्षा करेंगी। इस गीत में सीता माता द्वारा रामचंद्र भगवान की प्रशंसा भी की गई है।
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