मैया की कृपा लिरिक्स Maiya Ki Kripa Lyrics
मैया की कृपा लिरिक्स Maiya Ki Kripa Lyrics
मैया का हाथ मेरे सिर पै,तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाड़ी,
धंधा चालै ठाठ का,
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाड़ी,
धंधा चालै ठाठ का।
जब तै लाग्या भक्ति करण ना,
कमी कोई भी छोड़ी,
कोठी बंगले महल दिये,
मेरे चालै दो दो ऑडी,
मेरा अटकन दे ना काम,
मैया बिगड़ी आट का,
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का।
नौ नवरात्रे जगदम्बे,
तेरे नाम के व्रत करू,
बिज़नेस मोटा चला दिया,
तेरा धन्यवाद करू,
आर लहरिया खावै सै,
तेरे दिए हाथ का,
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का।
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाड़ी,
धंधा चालै ठाठ का,
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाड़ी,
धंधा चालै ठाठ का।
Navratri Bhajan || Maiya Ki Kripa || Sandeep Surila || Mata Rani Bhajan 2022 || Mor Bhakti Bhajan
इस भजन "मैया का हाथ मेरे सिर पै, तो फिर डर किस बात का" के माध्यम से एक गहरी धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश प्रस्तुत करता है। भगवान की कृपा, भक्ति और श्रद्धा के बल पर व्यक्ति अपने काम को ठाठ तरीके से कर सकता है और सफलता की प्राप्ति कर सकता है। भक्ति और श्रद्धा के साथ किसी भी कठिनाई या चुनौती का सामना करने में डर नहीं होता है, क्योंकि भगवान की कृपा सदैव हमें सहायता प्रदान करती है। इस भजन के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट होता है कि धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वास हमें संघर्ष और परिश्रम में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है और हमें भय की स्थिति से मुक्ति देता है। यह भजन भक्ति और आत्म-विश्वास की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और धार्मिक भावनाओं को सशक्त बनाता है।