मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो,
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
कौन गांव से आई भीलनी,
छमछम करती डोले,
क्या है तेरे नाम पति को,
हमसे क्यों ना बोले,
तोहे कहे को दुख भारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
सांचम सांच बताऊ मेरे बाबा,
बलमा मिलो नशेड़ी,
गंजो भांग धतूरा पीवे,
यही वामे खराबी,
मोहे यही तो दुख भारी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
मेरे घर में चलो भीलनी,
तोहे बना देऊ रानी,
इन्द्रासन को राज करा देऊ,
महलन की पटरानी,
तोहे राखूंगो अति प्यारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
तेरे घर में दो दो नारी,
देख करे मेरी हांसी,
जब आपस में लड़े लड़ाई,
मोहे लगा दे फांसी,
मोहे पहले ही दुख भारी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
एक नारी को पीहर भेजू,
एक बना देऊ दासी,
आपा दोनु राज करेंगे,
कैसे लग जाये फांसी,
तुम बनो मेरी रानी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
दाढ़ी मूछ कटा लेरे पहले,
डर मोहे इनसे लागे,
पैदल मोह पे चलो ना जाये,
कन्धा पे बेठाले,
तेरी जब ही बनु रानी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
घूंघट जब सरकायो भोले ने,
मन ही मन मुस्काई,
मोची बनकर आयो छलने,
मैं भीलनी बन आई,
अब दोनों की हुई यारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो,
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
गौरा से ऐसे बोल रहयो,
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
कौन गांव से आई भीलनी,
छमछम करती डोले,
क्या है तेरे नाम पति को,
हमसे क्यों ना बोले,
तोहे कहे को दुख भारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
सांचम सांच बताऊ मेरे बाबा,
बलमा मिलो नशेड़ी,
गंजो भांग धतूरा पीवे,
यही वामे खराबी,
मोहे यही तो दुख भारी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
मेरे घर में चलो भीलनी,
तोहे बना देऊ रानी,
इन्द्रासन को राज करा देऊ,
महलन की पटरानी,
तोहे राखूंगो अति प्यारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
तेरे घर में दो दो नारी,
देख करे मेरी हांसी,
जब आपस में लड़े लड़ाई,
मोहे लगा दे फांसी,
मोहे पहले ही दुख भारी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
एक नारी को पीहर भेजू,
एक बना देऊ दासी,
आपा दोनु राज करेंगे,
कैसे लग जाये फांसी,
तुम बनो मेरी रानी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
दाढ़ी मूछ कटा लेरे पहले,
डर मोहे इनसे लागे,
पैदल मोह पे चलो ना जाये,
कन्धा पे बेठाले,
तेरी जब ही बनु रानी,
गौरा तो ऐसे बोल रही।
घूंघट जब सरकायो भोले ने,
मन ही मन मुस्काई,
मोची बनकर आयो छलने,
मैं भीलनी बन आई,
अब दोनों की हुई यारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो,
मेरो भोले भंडारी,
गौरा से ऐसे बोल रहयो।
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शिव पारवती भजन : मेरो भोले भंडारी गोरा से ऐसे बोल रहयो
मेरो भोले भंडारी गोरा से ऐसे बोल रहयो
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मेरो भोले भंडारी गोरा से ऐसे बोल रहयो
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Author - Saroj Jangir
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