मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली,
चली मैं माँ के दर को चली,
चली मैं माँ के दर को चली,
मेरी माँ का सन्देशा आया,
चली मैं माँ के दर को चली,
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली।

ऊँचे पर्वत माँ का द्वारा,
भक्तो के जीवन का जो सहारा,
मेरे बार बार सपनोे में आया,
चली मैं माँ के दर को चली,
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली।

चरणों में मैया के जांऊ बलिहारी,
भक्तो के रक्षक सकंटहारी,
माँ के चरणों ने दीवाना बनाया,
चली मैं माँ के दर को चली,
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली।

बाँवरी होई कमली होई,
प्रेम दीवानी पगली होई,
माँ की विराह ने इतना सताया,
चली मैं माँ के दर को चली,
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली।

मन मेरे की यही अभिलाषा,
हर दम तेरे दर्शन की आशा,
मेरा जग से जी भर आया,
चली मैं माँ के दर को चली,
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया,
चली मैं माँ के दर को चली।
 


Mujhe Ambe Maiya Ne Bulaya | Suresh Ji | Vaishno Devi Bhajan

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