ना वह रीझै जप तप कीन्हे, ना आतमका जारे। ना वह रीझै धोती टाँगे, ना कायाके पखाँरे॥ दाया करै धरम मन राखै, घरमें रहे उदासी। अपना-सा दुख सबका जानै, ताहि मिलै अबिनासी॥ सहै कुसब्द बादहूँ त्यागै, छाँड़े, गरब गुमाना।
यही रीझ मेरे श्रीराघुवर की, कहत मलूक दिवाना॥
ना वह रीझै जप तप कीन्हे, ना आतमका जारे। ना वह रीझै धोती टाँगे, ना कायाके पखाँरे।
Latest Newest Bhajans Complete Lyrics in Hindi (New Bhajan)
दाया करै धरम मन राखै, घरमें रहे उदासी। अपना सा दुख सबका जानै, ताहि मिलै अबिनासी। सहै कुसब्द बादहूँ त्यागै,
छाँड़े गरब गुमाना। यही रीझ मेरे निरंकारकी, कहत मलूक दिवाना।