पर्वत पे उड़े रे गुलाल होली खेले लांगुरिया लिरिक्स Parwat Pe Ude Re Gulal Lyrics

पर्वत पे उड़े रे गुलाल होली खेले लांगुरिया लिरिक्स Parwat Pe Ude Re Gulal Lyrics

 
पर्वत पे उड़े रे गुलाल होली खेले लांगुरिया लिरिक्स Parwat Pe Ude Re Gulal Lyrics

पर्वत पे उड़े रे गुलाल,
होली खेले लांगुरिया,
लांगुरिया रे खेले लांगुरिया,
पर्वत पे उड़े रे गुलाल,
होली खेले लांगुरिया।

लेके पिचकारी लांगुर,
मंदिरिया में पहुंचो,
माँ की रखड़ी ओहो,
माँ की रखड़ी दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ की बिंदिया दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया।

लेके पिचकारी लांगुर,
मंदिरिया में पहुंचो,
माँ के झुमका ओहो,
माँ के झुमका दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ की नथनी दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया।

लेके पिचकारी लांगुर,
मंदिरिया में पहुंचो,
माँ का हरवा ओहो,
माँ का हरवा दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ का चुड़ला दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया।

लेके पिचकारी लांगुर,
मंदिरिया में पहुंचो,
माँ की तगड़ी ओहो,
माँ की तगड़ी दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ की पायल दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ के बिछुआ दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया।

लेके पिचकारी लांगुर,
मंदिरिया में पहुंचो,
माँ का लहँगा ओहो,
माँ का लहँगा दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया,
माँ की चुनरी दई है भिगोय,
होली खेले लांगुरिया।

बैठी बैठी मैया,
मंदिर में मुस्कावे,
हनुमत और भैरु के साथ,
होली खेले लांगुरिया।

पर्वत पे उड़े रे गुलाल,
होली खेले लांगुरिया,
लांगुरिया रे खेले लांगुरिया,
पर्वत पे उड़े रे गुलाल,
होली खेले लांगुरिया।
 

languriya holi bhajan : पर्वत पे उड़े रे गुलाल होली खेले लांगुरिया #holibhajan #holispecial


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें