शंकर का डमरू बाजे रे लिरिक्स Shankar Ka Damaru Baje Lyrics

शंकर का डमरू बाजे रे लिरिक्स Shankar Ka Damaru Baje Lyrics

शंकर का डमरू बाजे रे,
कैलाशपति शिव नाचे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे।

जटा जूट में नाचे गंगा,
शिव मस्तक पे नाचे चंदा,
नाचे वासुकी नीलकंठ पर,
नागेश्वर गल साजे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे।

शीश मुकुट सोहे अति ही सुंदर,
नाच रहे कानों में कुंडल,
कंगन नूपर चरम ओडनी,
भस्म दिगंबर साजे ये,
शंकर का डमरू बाजे रे।

कर त्रिशूल कमंडल साजे,
धनुष बाण कंधे पर नाचे,
बजे मधुप मृदंग ढोल ढप,
शंख नगाड़ा बाजे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे।

शंकर का डमरू बाजे रे,
कैलाशपति शिव नाचे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे,
शंकर का डमरू बाजे रे।



शंकर का डमरू बाजे रे || स्वर भईया राजू कटारिया || रचना श्री केवल कृष्ण 'मधुप' हरि जी महाराज ||

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