सुन कुल दिया पंडता हो
सुन कुल दिया पंडता हो,
सुन कुल दिया पंडता हो,
दस दिया ठाकरे दे वारे
तेरा ठाकुर पंडिता,
क्या हो कमांदा,
क्या भला खांदा हो।
सुन धन्य जाता ओ,
खातिर मेरी गौ चरदा,
फल मेवे खांदा ओ,
जग मंदा ओ,
हाल भी चलना हो।
सुन कुल दिया पंडता हो,
दस दिया ओ ठाकरे दे वारे,
तेरा ठाकुर पंडिता,
क्या हो कमांदा,
क्या भला खांदा हो।
सुन कुल दिया पंडता हो,
लेना मैं ठाकुर तेरा,
मैं मेवे खिलांदा ठाकुर,
जो काम लगन्दा हो,
एक गौ ले आओ पंडिते,
जिओ जग मन,
एक ठाकुर लेयी जाने जन्या,
मंदिर बनाया हो।
सुन कुल दिया पंडता हो,
दस दिया ओ ठाकरे दे वारे,
तेरा ठाकुर पंडिता,
क्या हो कमांदा,
क्या भला खांदा हो।
सुन कुल दिया पंडता हो,
गऊ ता मैं लेयी आया,
मेरी ठाकुर देदे पंडिता,
करे मंदिर बिठाना हो।
रकडी पत्थर ओ पंडिते ने,
धन्ने जो पदया जा सेवा,
करिए ठाकुर दी,
मुराद पाया हो।
सुन कुल दिया पंडता हो,
दस दिया ओ ठाकरे दे वारे,
तेरा ठाकुर पंडिता,
क्या हो कमांदा,
क्या भला खांदा हो।
SUN KUL DEYA PANDATA HO, SHER SINGH,Himachali Ram Bhajan,Kutiya Ram Aaye,Audio
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