सुस्वागतम है आपका प्रभु राम अयोध्या में लिरिक्स Suswagat Hai Aapka Lyrics
श्री राम श्री राम,श्री राम श्री राम,
श्री राम राम रामेंति रमें रामें मनोरमें,
सहस्त्रनाम त्तुल्यं राम नाम वरानाने।
श्री राम श्री राम,
श्री राम श्री राम।
सदियों के बाद लौटे,
प्रभु राम अयोध्या में,
सुस्वागतम है आपका,
प्रभु राम अयोध्या में।
लंका जलाके आये,
प्रभु राम अयोध्या में,
रावण को मार आये,
प्रभु राम अयोध्या में,
जय श्री राम का जयकार,
गूँजे सकल अयोध्या में।
श्री राम श्री राम,
श्री राम श्री राम।
पापीयों का वध करके,
सीता मैयाको ले आये,
चलो सत्य के विजय के,
उत्सव को हम मनायें।
राम राम राम राम राम,
राम राम राम राम राम।
नष्ट करके दुराचारी को,
दंडित किया अभिमानी को,
विभीषण को राज दे के,
राम लौटे अयोध्या में।
श्री राम श्री राम,
श्री राम श्री राम।
रमण रामचंद्र जी की,
अजब ये कैसी लीला,
चौदह भुवन के स्वामीने,
चौदह साल सही पीड़ा।
पिता वचन कटीबब्द्ध हुए,
रमीत बनवासी,
पुत्र वियोगसे राजा दशरथ,
शोकाकुल भारी।
पत्नी धर्म निभाने चली,
संग संग सीता माई,
परछाई बंधु लखन की,
दिन रात काम आई।
भ्राता भरतने पादुका,
रोते जब गले लगाई,
अयोध्या के साथ सारी,
श्रुष्टि शोक में नहाई।
हनुमंत की राम सेवा का,
कैसा करूँ मै वर्णन,
मूर्छित लखन को,
संजीवनी से कीया सजीवन।
जटायु के बलिदान से,
भावुक धनुर्धारी,
झुठे बेर खाके शबरी के,
प्रसन्न रघुराई।
राम सेतु के सर्जन से,
वानर टोली को बढ़ाई,
सुग्रीव जाम्बन्त के संग,
असुरो से की लड़ाई।
हुप हुप हुप हुप नाद करे,
वानर टोली सारी,
आगे चलत महाबीर,
हनुमान गदाधारी।
ये धरती कांपे और गगनसे,
मेध वृष्टी बरसे,
प्रभु रामजी के दर्शन को,
ब्रम्हांड तरसे।
राम राम नाम जाप करे,
जीव सृष्टी सारी,
एक झलक देख रघुबर की,
नयन गये वारी।
बिती बात बनवास,
प्रतीक्षा की रात काली,
अब त्योहार ही त्योहार,
मनाये दशहरा दिवाली।
त्रेतायुग धारक,
रघुनंदन की विजयी कहानी,
ऋषि वाल्मीकि रचित,
रामायण अयोध्या में।
सदियों के बाद लौटे,
प्रभु राम अयोध्या में,
लंका जलाके आये,
प्रभु राम अयोध्या में,
सु स्वागतम है आपका,
प्रभु राम अयोध्या में।
लंका जलाके आये,
प्रभु राम अयोध्या में,
रावण को मार आये,
प्रभु राम अयोध्या में।
जय श्री राम का जयकार,
गूँजे सकल अयोध्या में,
श्री राम श्री राम,
श्री राम श्री राम।