तांडव करते शिव भडांरी

तांडव करते शिव भडांरी

तांडव करते शिव भडांरी,
धरती कांपे अबंर कांपे,
कांपे ऋिषटी सारी
तांडव करते शिव भडांरी।

दकष परजापती जगन राचाया
सब देवो को उसने बुलाया ॥
महादेव को दिल से भुलाया ॥
भुल कर बैठा भारी
तांडव करते शिव भडांरी।

अागे की फिर सुनो कहानी
हठ कर बैठी मात भवानी ॥
शिव भोले की एक ना मानी ॥
जाने की कर ली तयारी
तांडव करते शिव भडांरी।

सती ने खुद को कुड मे जलाया
शिव गणो ने उधम मचाया॥
सभा मे सबको मार मुकाया ॥
काटे वारो बारी
तांडव करते शिव भडांरी।

तीसरा नेंतर शिव ने खोला
धरती अंबर सब कुछ डोला ॥
बिटटु सितारा मुख से बोला ॥
बखशो बखषन हारी
तांडव करते शिव भडांरी

तांडव करते शिव भडांरी,
धरती कांपे अबंर कांपे,
कांपे ऋिषटी सारी
तांडव करते शिव भडांरी।



Tandav Karate Shiv Bhandari

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