तेरे लाला ने बृज रज खाई लिरिक्स Tere Lala Ne Braj Raj Khayi Lyrics

तेरे लाला ने बृज रज खाई लिरिक्स Tere Lala Ne Braj Raj Khayi Lyrics

 
तेरे लाला ने बृज रज खाई लिरिक्स Tere Lala Ne Braj Raj Khayi Lyrics

तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

अदभुद खेल सखन संग खेलो,
छोटो सो माटी को ढेलो,
तुरत श्याम ने मुख मे मेलो,
याने गटक गटक गटकाई,
यशोदा सुन माई,
तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

दहि को कबहूँ न नाटी,
क्यों लाला तैंने खाई माटी।।
यशोदा ले समझा रही सांटी,
या। नेक दया न आई,
यशोदा सुन माई,
तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

मोहन को मुखड़ो खुलवायो,
तीन लोक या में दरशायो,
तब विश्वास यशोदहि आयो,
ये तो पूरण ब्रह्म कन्हाई,
यशोदा सुन माई,
तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

ऐसो रस नाहीं है माखन में,
मेवा मिश्री और दाखन में,
जो रस है बृज रज चाखन में,
याने मुक्ति की मुक्ति कराई,
यशोदा सुन माई,
तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

तेरे लाला ने बृज रज खाई,
यशोदा सुन माई।

तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई । बाल गोपाल मनमोहना है भजन ! krishna bhajan geet | mohana


ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

अपने पसंद का भजन खोजे


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url