मैं हूँ दासी तेरी दातिए भजन

मैं हूँ दासी तेरी दातिए भजन

(मुखड़ा)
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे।
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।।


(अंतरा)
मेरा प्राणों से प्यारा पति,
मुझसे बिछड़े ना, रूठे कभी।
माता रानी, इसे मेरी आयु लगे,
ये मनोकामना है मेरी।
माँ तेरे लाल की,
माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी।
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।।

(अंतरा)
मैया तू ही मेरी आस है,
मेरा तुझपे ही विश्वास है।
आसरा है तेरा,
मुझपे करना दया,
मेरी तुझसे ये अरदास है।
बिन तेरे प्यार के,
बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है।
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।।

(पुनरावृति)
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे।
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए।।
 

Main Hoon Daasi Teri Datiye I Devi Bhajan I ANURADHA PAUDWAL, Jai Maa Vaishno Devi Movie Songs Audio

Devi Bhajan: Main Hoon Daasi Teri Datiye
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Amar-Utpal
Lyricist: Naqsh Layalpuri
Album: Jai Maa Vaishno Devi

एक भक्तिन का हृदय माँ के चरणों में समर्पित है, जहाँ वह अपनी हर साँस माँ की भक्ति में अर्पण करती है। उसकी पुकार में सच्ची श्रद्धा है, वह माँ से सुहाग की रक्षा का वर माँगती है, ताकि उसका जीवन प्रेम और साथ से भरा रहे। जैसे कोई दीया तूफान में भी स्थिर रहना चाहता है, वहीँ वह माँ से अपने सुहाग की अटलता माँगती है।

उसका पति उसके प्राणों का आधार है, वह माँ से प्रार्थना करती है कि यह बंधन कभी न टूटे। वह अपनी आयु तक देने को तैयार है, बस उसका साथी सदा उसके साथ रहे। यह प्रेम इतना गहरा है, मानो वह माँ के लाल की अर्धांगिनी बनकर ही पूर्ण हो।

माँ ही उसकी एकमात्र आशा है, उसका विश्वास माँ की कृपा पर अटल है। वह माँ से दया की भीख माँगती है, क्योंकि माँ का प्यार ही उसका सबसे बड़ा धन है। जैसे कोई पथिक रेगिस्तान में ओएसिस की तलाश करता है, वहीँ वह माँ के आशीर्वाद में अपना सब कुछ पाती है। 

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