विधाता अजब लिखी तकदीर लिरिक्स Vidhata Ajab Likhi Takdeer Lyrics
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गये रघुवीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
हरिश्चंद्र था दानी दाता,
खाली ना कोई द्वार से जाता,
किस्मत ने क्या खेल रचाया,
बन गये आज फकीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
नीर भरण श्रवण जब पहुँचे,
लागा तीर प्राण जब छूटे,
अंत समय में मात पिता को,
पिला सका ना नीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
द्रोपदी पांच पतिन की नारी,
सबने गर्दन नीचे डारी,
भरी सभा में लाज उतारी,
कृष्ण बढ़ा रहे चीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गये रघुवीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गये रघुवीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
हरिश्चंद्र था दानी दाता,
खाली ना कोई द्वार से जाता,
किस्मत ने क्या खेल रचाया,
बन गये आज फकीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
नीर भरण श्रवण जब पहुँचे,
लागा तीर प्राण जब छूटे,
अंत समय में मात पिता को,
पिला सका ना नीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
द्रोपदी पांच पतिन की नारी,
सबने गर्दन नीचे डारी,
भरी सभा में लाज उतारी,
कृष्ण बढ़ा रहे चीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गये रघुवीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर,
विधाता अजब लिखी तकदीर।
राम भजन || विधाता अजब लिखी तकदीर || Vidhata ajab likhi taqdeer
Title - Vidhata ajab likhi taqdeer
Artist - Vanshika Sharma
Singer - Aarti
Artist - Vanshika Sharma
Singer - Aarti