जिसकी चौखट पर, झुकता ये संसार है, उसकी चौखट के, हम तो सेवादार है, ये श्याम से प्रीत, लगाने का उपहार है, सेवादार है हम सेवादार है।
जो दीन दुखी होते है, उनके दुख दूर है करता, जो खाली झोली लाये, उनके भंडारे भरता, लख लख कर देता, ऐसा लख दातार है, सेवादार है हम सेवादार है।
कोई प्रेमी इनका हम को, जब भी कही मिल जाता, इक अनजाना प्यारा सा, रिश्ता बन जाता, अपनों से बढ़ कर, मिलता उनसे प्यार है, सेवादार है हम सेवादार है।
ये इक ही सच्चा द्वारा, आलू सिंह जी ने बताया, जो सच्चे मन से ध्यावे, उस बाबा से मिलवाया, कहे श्याम का किया, घर घर में प्रचार है, सेवादार है हम सेवादार है।
जिसकी चौखट पर, झुकता ये संसार है, उसकी चौखट के, हम तो सेवादार है, ये श्याम से प्रीत, लगाने का उपहार है, सेवादार है हम सेवादार है।
Hum Sewadaar Hai | जिसकी चौखट पर झुकता ये संसार है | Shyam Singh Chouhan | Sewadaar Bhajan