अंतिम दिनों के अभिषेक भजन
अंतिम दिनों के अभिषेक भजन
अंतिम दिनों के अभिषेक,सारे लोगों के ऊपर तू भेज,
कटनी का है यह समय,
पवित्र आत्मा से भर दे हमें।
अग्नि समान उतर आ,
अग्नि जीभ के समान ठहर जा,
झोंका तूफान का लेके आ,
नदी आत्मा की हम पर बहा।
सूखी हड्डियों की तराई में,
बड़ी सेना को चलते देखूं,
अधिकार की वाणी तू दे,
पवित्र आत्मा में नबूवत करूँ,
अग्नि समान उतर आ,
अग्नि जीभ के समान ठहर जा,
झोंका तूफान का लेके आ,
नदी आत्मा की हम पर बहा।
कर्मेल पर्वत की प्रार्थना में,
छोटे बादल को उठते देखूं,
आहाब जैसे काँपा,
वही अग्नि को हम पर तू भेज,
अग्नि समान उतर आ,
अग्नि जीभ के समान ठहर जा,
झोंका तूफान का लेके आ,
नदी आत्मा की हम पर बहा।
सिनाय पर्वत की चोटी पर मैं,
अग्नि ज्वाला को जलते देखूं,
इस्राएल के हे खुदा ,
वही अग्नि को हम पर तू भेज,
अग्नि समान उतर आ,
अग्नि जीभ के समान ठहर जा,
झोंका तूफान का लेके आ,
नदी आत्मा की हम पर बहा।