बहार आई कान्हा तेरी नगरी में

बहार आई कान्हा तेरी नगरी में

बहार आई कान्हा तेरी नगरी में,
सजा है फूल बंगला तेरे मंदिरों में,
तेरे मंदिरों में तेरे मंदिरों में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

वृंदावन की कुंज गलिन में,
हो रही चर्चा गली गली में,
भीड़ उमड़ी कान्हा तेरी नगरी में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

जो मैं होती कान्हा बेला चमेली,
महक रहती कान्हा तेरे बंगले में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

जो मैं होती कान्हा काली कोयलिया,
कुक रहती कान्हा तेरे बंगले में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

जो मैं होती कान्हा काली बदरिया,
बरस रहती कान्हा तोरे बंगले में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

जो मैं होती कान्हा तेरी राधिका,
मटक रहती कान्हा तेरे बंगले में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।

बहार आई कान्हा तेरी नगरी में,
सजा है फूल बंगला तेरे मंदिरों में,
तेरे मंदिरों में तेरे मंदिरों में,
बहार आई कान्हा तेरी नगरी में।
 




बहार आयी कान्हा तेरी नगरी में | BAHAR AAYI KANHA TERI NAGRI ME | #sumansharma #shyambhajan

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