बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के

बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के

बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के,
बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के।

कानो में कुण्डल माला बैजंती,
सज रहा वागा तन पे बसंती,
नीले पे बैठा श्याम जच जच के,
भगत दीवाने हुए नच नच के,
बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के।

नैनो में कजरे की नोक नुकीली,
होठो पे मुस्कान रसीली,
सब को बुला रहा है हंस हंस के,
भगत दीवाने हुए नच नच के,
बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के।

प्यारी प्यारी देखो कीर्तन की रात है,
प्रेमियों की सज के आ गई बारात है,
मेहंदी लगाई आज रच रच के,
भगत दीवाने हुए आज नच नच के,
बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के।

सांवरो सलोनो लागो बड़ो प्यारो,
नजर उतारो कोई इसकी,
झूठे आडम्बरो बच बच के,
भगत दीवाने हुए नच नच के,
बनड़ा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के।
 



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