हरि भक्तों ने रास रचाया

हरि भक्तों ने रास रचाया

हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

बूटी पी गये हनुमान,
जिनके हृदय में है राम,
जला आये लंका,
खिड़की खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

बूटी पी गये तुलसीदास जिनको,
राम मिलन की आस,
सारी रामायण लिख डाली,
पन्ना जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

बूटी पी गई मीरा बाई,
जिनके गिरधर हुए सहाई,
वह तो गिरधर आ गये नाचे,
घूंघट खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

बूटी पी गई द्रोपदी नारी,
वह तो भरी सभा चिल्लाई,
उसकी आकर लाज बचाई,
साड़ी जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

बूटी पी गए लक्ष्मण भाई,
जिनके हनुमत हुए सहाई,
द्रोणागिरी से बूटी लाये,
वह तो खोज खोज खोज,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।

हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया,
बूटी गोल गोल गोल,
अमृत गोल गोल गोल।
 




।। हरि भक्तों ने रास रचाया।। BHAKTO NE RAAS RACHAYA ।।

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