काली माँ ज्योत जगाई है, सवाली बन दर पे आये है, आये सर को मैं झुकाने, तेरे दर पे हो मैया रानी।
सुन्दर है तेरा भवन, सुन्दर ये स्वरुप है, कोटि कोटि तुम्हे, मेरा प्रणाम है, जो भी तेरे दर पे आया, वो ना कभी खाली गया, तुम्ही हो खप्पर वाली, काली माँ ज्योत जगाई है।