म्हारा जनम मरण का साथी लिरिक्स Mhara Janam Maran Ka Sathi Lryics
म्हारा जनम मरण का साथी लिरिक्स Mhara Janam Maran Ka Sathi Lryics
म्हारा जनम मरण का साथी,थाने नहिं बिसरूँ दिनराती।
तुम देख्याँ बिन कल न पड़त है,
जानत मेरी छाती।
ऊँची चढ़ चढ़ पन्थ निहारूँ,
रोय रोय अंखियाँ राती।
यो संसार सकल जन झूठो,
झूठा कुल रा नाती।
दोऊ कर जोड़्याँ अरज करत हूँ,
सुन लीजो मेरी बाती।
पल पल तेरा पन्थ निहारूँ,
निरख निरख सुख पाती।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर,
हरिचरणाँ चित राती।