कौन मिलावै जोगिया हो लिरिक्स Koun Milave Jogiya Lyrics
कौन मिलावै जोगिया हो,जोगिया बिन रह्यो न जाय।
मैं जो प्यासी पीवकी,
रटत फिरौं पिउ पीव।
जो जोगिया नहिं मिलिहै हो,
तो तुरत निकासूँ जीव।
गुरुजी अहेरी मैं हिरनी,
गुरु मारैं प्रेमका बान।
जेहि लागै सोई जानई हो,
और दरद नहिं जान।
कहै मलूक सुनु जोगिनी रे,
तनहिमें मनहिं समाय।
तेरे प्रेमकी कारने जोगी,
सहज मिला मोहिं आय।