कौन मिलावै जोगिया हो

कौन मिलावै जोगिया हो

कौन मिलावै जोगिया हो,
जोगिया बिन रह्यो न जाय।
मैं जो प्यासी पीवकी,
रटत फिरौं पिउ पीव।
जो जोगिया नहिं मिलिहै हो,
तो तुरत निकासूँ जीव।
गुरुजी अहेरी मैं हिरनी,
गुरु मारैं प्रेमका बान।
जेहि लागै सोई जानई हो,
और दरद नहिं जान।
कहै मलूक सुनु जोगिनी रे,
तनहिमें मनहिं समाय।
तेरे प्रेमकी कारने जोगी,
सहज मिला मोहिं आय।
 


Kaun Milave Jogiya Ho | Sant Maluk Das ji | Anandmurti Gurumaa (Hindi)

Next Post Previous Post