पर्दे से निकल ऐ मां कालका
पर्दे से निकल ऐ मां कालका,
मुझे दर्शन तेरा करना है,
मां तू ही बता अब क्या मैं करूं,
मुझे जीना है या मरना है।
मैं निर्धन हूं धनवान नहीं,
पर तुझसे मैं अनजान नहीं,
जिस हाल में मुझको रखोगी,
उस हाल में ही मुझे रहना है,
पर्दे से निकल ऐ मां कालका,
मुझे जीना है या मरना है।
मझधार में नैया मेरी है,
तुम आकर संभालोगी इसको,
अब डूब लूंगा या पार लगू,
तेरे नाम सहारे तरना है,
पर्दे से निकल ऐ मां कालका,
मुझे जीना है या मरना है।
तू सारे जगत की वाली है,
फिर मेरी क्यों झोली खाली है,
सोने चांदी की दुनिया में,
इस मतलब की यह दुनिया में,
तेरा नाम हमें ही सिमरना है,
पर्दे से निकल ऐ मां कालका,
मुझे जीना है या मरना है।
पर्दे से निकल ऐ मां कालका,
मुझे दर्शन तेरा करना है,
मां तू ही बता अब क्या मैं करूं,
मुझे जीना है या मरना है।
parde se nikal e ma kalka by singer Abhishek kashyap
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