प्रेम का रूप विधाता लिरिक्स Prem Ka Rup Vidhata Lyrics
प्रेम का रूप विधाता लिरिक्स Prem Ka Rup Vidhata Lyrics
चंदन केसी कंठी माला,प्रेम बिना नहीं भाता,
प्रेम का रूप विधाता,
प्रेम का रूप विधाता।
प्रेम बिना भक्ति कहां,
भक्त में शक्ति कहां,
प्रेम की महिमा प्रेम ही जाने,
प्रेम का जो सुख पावे,
प्रेम का पुंज लगावे,
सूरत मूरत तीर्थ पानी,
सब है भरम के दाता,
प्रेम का रूप विधाता।
गिद्ध सबरी प्रह्लाद,
प्रेम का पाया प्रसाद,
प्रेम मगन मन तन मन अर्पण,
दर्शन को ललचाये,
प्रेम के आंसू बहाये,
मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारा,
प्रेम सदा दर्शाता,
प्रेम का रूप विधाता।
चंदन केसी कंठी माला,
प्रेम बिना नहीं भाता,
प्रेम का रूप विधाता,
प्रेम का रूप विधाता।