प्यालो राम रस को
प्यालो राम रस को,
प्यालो राम रस को,
एक बार सत्संग में आजा,
पड़ जाए चस्को,
प्यालो राम रस को।
कौन जगत में एक है,
और कौन जगत में दो,
कौन जगत में जागता,
और कौन रहा है सोए,
राम जगत में एक है,
और चंदा सूरज दो,
पाप जगत में जागता,
और धर्म रहा है सोए,
प्यालो राम रस को।
कौन जगत में तीन है,
और कौन जगत में चार,
कौन जगत में पांच है,
कोई छठवां करो विचार,
तीन जगत में लोक हैं,
और वेद जगत में चार,
पांच जगत में पांडवा,
कोई छठ में कृष्ण मुरार,
प्यालो राम रस को।
कौन जगत में सात है,
और कौन जगत में आठ,
कौन जगत में नो है,
कोई दशमा करो विचार,
सात जगत में दीप हैं,
और सिद्ध जगत में आठ,
नो जगत में देवियां,
कोई दस रावण के शीश,
प्यालों राम रस को।
प्यालो राम रस को,
प्यालो राम रस को,
एक बार सत्संग में आजा,
पड़ जाए चस्को,
प्यालो राम रस को।
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