पर्व पर्युषण आयो रे सबके मन को भायो

पर्व पर्युषण आयो रे सबके मन को भायो

महीनों भादव रो आयो,
यो पर्व पर्यूषण लायो,
पर्व पर्यूषण आयो रे,
सबके मन को भायो,
यो कर्म खपावण आयो,
घर~घर में आनंद छायो,
हो पर्यूषण आयो रे,
जैनो रे मंडे भायो।

राहों में पलकें बिछाकर,
कुमकुम का कलश भराओ,
सखियां मंगल गाओ थे,
तोरण द्वार बंधाओ,
झालर शंख बजाओ,
प्रभु को हृदय बसाओ,
हो पर्यूषण आयो रे,
जैनो रे मंडे भायो।

तपस्या का ठाट लगाओ,
भक्ति रा भाव जगाओ,
वीर प्रभु की वाणी सुनकर,
जीवन धन्य बनाओ,
कर्मों को अब हराओ,
तप की ज्योत जगाओ,
हो पर्यूषण आयो रे,
जैनो रे मंडे भायो।

मन का बैर मिटाओ और,
मैत्री भाव बढ़ाओ,
खमत खामणा करके,
संवत्सरी मनाओ,
दिलबर थांसु बोले,
थे धर्म ध्वजा फरकाओ,
हो पर्यूषण आयो रे,
जैनो रे मंडे भायो।

महीनों भादव रो आयो,
यो पर्व पर्यूषण लायो,
हो पर्व पर्यूषण आयो रे,
सबके मन को भायो,
यो कर्म खपावण आयो,
घर~घर में आनंद छायो,
हो पर्यूषण आयो रे,
जैनो रे मंडे भायो।


Parv Paryushan Aayo | Superhit Paryushan bhajan 2025 | Singer Shreya Ranka

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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