सल्मोन मछली को मराठी में क्या कहते हैं Salmon Fish ला मराठीत काय म्हणतात
साल्मन माशांना मराठीत रावस मासा म्हणतात.
रावस मासा म्हणजे साल्मन फिश, हे समुद्रातील मुंबई व कोकण आढळते. ह्याच्या शरीरात खूप तंत्रज्ञान आहे आणि त्यातील आरोग्यासंबंधी फायदे असंख्य आहेत. ते उच्च प्रोटीन, ओमेगा-3 फॅटी ऍसिड, आणि विटामिन डी यांच्या स्रोत म्हणून ओळखले जाते. त्याच्या संपूर्ण आरोग्यदायी गुणांमध्ये, अनेक अध्ययन त्याच्यावर तत्पर झाले आहेत आणि त्याचा नियमित उपयोग खूप स्वास्थ्यकर आहे. त्याचा संभाव्य उपयोग नेमक्या तंत्रज्ञानांमुळे वाढत आहे आणि ह्याची उच्च गुणवत्ता आणि स्वाद वाढत आहे. सामन फिश च्या मराठीत रावस मासा म्हणतात. हे मासा मुंबई व कोकण या भागात मोठ्या प्रमाणात उपलब्ध आहे आणि चविष्ट असणारा आहे. रावस मासा शरीरासाठी खूप उपयोगी आहे.
रावस मासा हा एक अत्यंत स्वादिष्ट व मोठा मासा आहे जो मुख्यतः प्रवासी विविध स्थानांतील रेस्टोरंट्स मध्ये मिळतो. रावस मासाच्या खाद्य विलेवानची सर्वात महत्त्वाची गोष्ट आहे त्याचे फायदे हे कि हे मासा उत्तम प्रकारे ओमेगा-३ अस्तित्वात आहे जो वेगवेगळ्या रोगांवर प्रतिरक्षाक्षमता पूर्ण वाढवते. रावस मासाचे संशोधन करणाऱ्या तज्ञांनी स्वास्थ्यासाठी हे मासा आणि त्याच्या तंत्रज्ञानाच्या लाभांसाठी शोधले आहे. असे अनेक अभ्यास दर्शवितात की रावस मासाचा नियमित खाणे ब्लड प्रेशर, हृदय आणि मस्तिष्क संबंधी रोगांपासून संरक्षण करण्यास मदत करतो.
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रावस मासा हा चवदार असलेला मासा नव्याने शुद्ध करतात आणि शरीरासाठी फायदेशीर असतो. तसेच, प्रत्येक 100 ग्राम रावस मासात 131 कॅलरी, १५ ग्राम प्रोटीन, 14.6 ग्राम फॅट आणि २.८ ग्राम अनसॅच्युरेटेड फॅट असतात हे माहिती उपलब्ध आहे. यामुळे, रावस मासा खाल्ल्याने शरीराला पुरेसा ऊर्जा मिळते आणि मेटाबॉलिज्म मध्ये बेहतर नमुने आणि स्वस्थ शरीर मिळते.
महाराष्ट्र में सामन फिश को रावस मासा कहा जाता है। इस मछली का मांस बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक है। रावस मछली को मुंबई और कोकण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खाया जाता है। रावस मासा शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। अनुसंधान के अनुसार, प्रत्येक 100 ग्राम सामन फिश में 131 कैलोरी, 15 ग्राम प्रोटीन, 14.6 ग्राम फैट और 2.8 ग्राम अनसैचुरेटेड फैट होता है। इसलिए, यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।
भारत में रावस (Indian Salmon) अधिकतर पश्चिमी तटों जैसे कि मुंबई, गोवा, कोंकण, केरला और कर्नाटक में पाई जाती है। इसके अलावा, यह उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के नदी-बांध एवं तालाबों में भी पाई जाती है।
रावस, जिसे इंडियन सैल्मन के नाम से भी जाना जाता है, भारत के कई हिस्सों में पाई जाने वाली एक लोकप्रिय मछली है। यह व्यापक रूप से देश के पश्चिमी तट पर, गुजरात से केरल खाई जाती है, और यह पूर्वी भारत की कुछ नदियों और झीलों और तालाबों में भी पाई जाती है। रावस एक प्रवासी मछली है जो मानसून के मौसम में अंडे देने के लिए ताजे पाणी की ओर आती है। यह अपने स्वादिष्टि मांस, मांस की गुणवत्ता और उच्च पोषक तत्वों के कारण अत्यधिक कीमती मछली है। रावस प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विभिन्न आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। शरीराला चिकन, मटण किंवा अंड्याची गरज असल्याने माशांची तितकी शरीराला खूप महत्वाची आहे. ते मानवी शरीराच्या निर्माणासाठी आवश्यक आहेत. मासे शरीराला प्रतिरक्षक शक्ती देतात आणि आरोग्यासाठी उपयुक्त असतात. त्यामुळे डॉक्टरे मासे आजारांच्या उपचारात फार मोठ्या अर्थाने आहेत.
रावस कई पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है, खासकर तटीय क्षेत्रों में जहां यह व्यापक रूप से उपलब्ध है। यह आमतौर पर करी, फ्राई व्यंजन और ग्रिल्ड तैयारियों में उपयोग किया जाता है। अचार और सीफूड स्नैक्स बनाने के लिए भी रावस एक लोकप्रिय मछली है। भारत में कई रेस्तरां रवा व्यंजन परोसते हैं, और इसे अक्सर एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है।
हालांकि, अत्यधिक मछली पकड़ने और पर्यावरणीय गिरावट के कारण कई क्षेत्रों में रावा/रावस आबादी में गिरावट आई है। मछली की सुरक्षा और इसकी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने मछली पकड़ने के नियमों और आवास संरक्षण सहित कई उपायों को लागू किया है। रावस मछली के व्यावसायिक उत्पादन के लिए सरकार द्वारा प्रयत्न किये जा रहे हैं. इन प्रयासों के बावजूद, रावस की उच्च मांग ने इसे खतरे में डाल दिया है.
रावस कई पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है, खासकर तटीय क्षेत्रों में जहां यह व्यापक रूप से उपलब्ध है। यह आमतौर पर करी, फ्राई व्यंजन और ग्रिल्ड तैयारियों में उपयोग किया जाता है। अचार और सीफूड स्नैक्स बनाने के लिए भी रावस एक लोकप्रिय मछली है। भारत में कई रेस्तरां रवा व्यंजन परोसते हैं, और इसे अक्सर एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है।
हालांकि, अत्यधिक मछली पकड़ने और पर्यावरणीय गिरावट के कारण कई क्षेत्रों में रावा/रावस आबादी में गिरावट आई है। मछली की सुरक्षा और इसकी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने मछली पकड़ने के नियमों और आवास संरक्षण सहित कई उपायों को लागू किया है। रावस मछली के व्यावसायिक उत्पादन के लिए सरकार द्वारा प्रयत्न किये जा रहे हैं. इन प्रयासों के बावजूद, रावस की उच्च मांग ने इसे खतरे में डाल दिया है.
यूएसडीए द्वारा सैल्मन मछली के 100 ग्राम सर्विंग के एक छोटे से पोषण तथ्य विवरण में यह बताया गया है कि यह मछली कुल वसा के साथ अधिक प्रोटीन भी प्रदान करती है। सैल्मन मछली आपको कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करती है और संतृप्त वसा की मात्रा नियंत्रित रखती है। इसमें कोई भी चीनी नहीं होती है जो इसे एक अच्छा विकल्प बनाता है जो लोग वजन घटाने के लिए खाने की जिज्ञासा रखते हैं। यह मछली पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं जो आपके हृदय स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- Calories: 127 / कैलोरी: 127
- Total Fat: 4.4 grams / कुल वसा: 4.4 ग्राम
- Saturated Fat: 0.8 grams / संतृप्त वसा: 0.8 ग्राम
- Protein: 21 grams / प्रोटीन: 21 ग्राम
- Sodium: 75 milligrams / सोडियम: 75 मिलीग्राम
- Potassium: 366 milligrams / पोटेशियम: 366 मिलीग्राम
- Cholesterol: 46 milligrams / कोलेस्ट्रॉल: 46 मिलीग्राम
- Carbohydrates: 0 grams / चीनी: 0 ग्राम
भारतीय रावस मछली अत्यंत ही लोकप्रिय है। यह मछली गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों, समुद्र तटों और चार तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक स्वादिष्ट सफेद मांस वाली मछली है जो प्रोटीन, ऑमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी से भरपूर होती है। इसका वजन लगभग 3 से 4 किलो होता है और इसकी लम्बाई लगभग 1 मीटर तक होती है। इसके अलावा, भारतीय रावस मछली का शिकार करना भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसका अस्तित्व प्रदूषण और ओवरफिशिंग के कारण खतरे में है।
भारतीय रावस मछली आमतौर पर समुद्र के ठंडे क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक लोकप्रिय वाणिज्यिक मछली है जो भारत के पश्चिमी तट, उत्तरी तट और पूर्वी तटों में विभिन्न रूपों में पकड़ी जाती है। भारतीय रावस मछली की खासियत है कि इसमें उच्च मात्रा में उपयोगी प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं। इसका मांस स्वादिष्ट होता है और यह समुद्री जीवों से प्राकृतिक रूप से निकलने वाले उच्च-गुणवत्ता के शीरा में उबला जाता है। इसमें विटामिन डी भी होता है, जो बोन हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
भारतीय रावस मछली का महत्व भारत में भोजन के साथ-साथ विविध विधानों में उपयोग किया जाता है। इसे स्टीम, फ्राई, ग्रिल या कूकिंग में भी उपयोग किया जा सकता है। इसका मांस मुलायम होता है और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
भारतीय रावस मछली का महत्व भारत में भोजन के साथ-साथ विविध विधानों में उपयोग किया जाता है। इसे स्टीम, फ्राई, ग्रिल या कूकिंग में भी उपयोग किया जा सकता है। इसका मांस मुलायम होता है और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।