विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के लिरिक्स Vishayon Me Fas Ke Chala Lyrics
क्या सुख पायो रे,राम को विसार के,
क्या सुख पायो रे,
राम को विसार के,
विषयों में फस के चला,
जीती बाजी हार के,
विषयों में फस के चला,
जीती बाजी हार के।
बचपन की आयु तूने,
खेल में गवाही रे,
आई जवानी प्यारी लागे,
घर की नारी रे,
वक्त बुढ़ापा रोया,
फिर आहे मार के,
विषयों में फस के चला,
जीती बाजी हार के।
सारी उम्र का स्टाम,
किसी ने लिखा या नहीं,
जाना है आखिर सबने,
अमर फल खाया नहीं,
जाना असल घर अपने,
आप तू सुधार रे,
विषयों में फस के चला,
जीती बाजी हार के।
आम मिलेंगे कहां से,
कीकर जो बोएगा,
धर्मराज लेखा मांगे,
सिर फोढ रोयेगा,
अब भी गुण गा ले,
प्रेम कृष्ण मुरारी के,
विषयों में फस के चला,
जीती बाजी हार के।