(मुखड़ा) बहे असुवन की लंबी धार, माई विसर्जन में, लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में।।
हम तेरे द्वार में, ऐ मैया, झोली फैलाए बैठे हैं, हम तेरी आस में, दुनिया भुलाए बैठे हैं।।
(अंतरा) कैसे करूँ माँ तेरा विसर्जन, दुःख में भीग रहा मेरा तन, बहती है असुवन जल की धारा, समझाए न समझे ये मन, कांपे थर-थर मेरा ये बदन, माई विसर्जन में, लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में।।
माँ, तुमने क्यूँ मुखड़ा मोड़ा,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
आज चली क्यूँ रिश्ता जोड़ा, योगी दशम दिन है दुखदाई, माँ ने हमसे ले ली विदाई, कुछ तो माँ बोलो, कहो हे माँ, माई विसर्जन में, लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में।।
मुरझाया सा मन का बगीचा, माँ, तुमने जिसको था सींचा, अश्क बहाती दिल की गलियाँ,
सूख रही दिल की गलियाँ, लड़खड़ाती है मेरी ज़ुबाँ, माई विसर्जन में, लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में।।
कैसी घड़ी आई दुखदाई, लेके चली माँ आज विदाई, मुश्किल में है पल ये हमारे, कैसे सहूँगा तेरी जुदाई, रोते-रोते ये कहता है मन, माई विसर्जन में, लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में।।
(पुनरावृति) लगी भगतन की भीड़ अपार, माई विसर्जन में, बहे असुवन की लंबी धार, माई विसर्जन में।।
Bahe Asuwan Ki Lambi Dhar - बहे असुवन की लंबी धार माई विसर्जन मे - विदाई गीत - Uday Lucky Soni -2021