भींजे रे चुनरिया भजन Saroj Jangir भींजे रे चुनरिया भजनसाखी - एजी रंग ही से रंग उपजे, और सब रंग देखा एक अरे कोन रंग है जिव का ,ओर ताका करो विवेक |भजन - ओहो भींगे रे चुनरिया प्रेम रस बुंदन अरे भई प्रेम रस बुंदन हरि रस बुंदनहा हा आरती साज के, चली है सुहागिन l New Bhajan 2023 अरे भाई अपने पिया जी को ढूंढन |हा हा कहे की तोरी या ,बनी रे चुनरिया l यामे कहे के लागे चारो फुनदन | हा हा पाच तत्त्व की या बनी रे चुनरिया lयामे नाम के लगे चारो कुंदन |हा हा चडी गया मेहेल में ने खुली गया किमड़ियाहा हा साहब कबीर लागे झूलन भींजे रे चुनरिया | bhinje re chunariya | Geeta Parag | Kabir bhajan