चंदन चावल बेल की पत्तियां लिरिक्स Chandan Chawal Ki Pattiyan Lyrics
चंदन चावल बेल की पत्तियां,शिव जी के माथे धरो,
हे भोलानाथ दिगंबर,
ये दुख मेरे हरो हरो रे।
अगर चंदन का भस्म चढ़ाऊं,
शिव जी के पैयाँ पड़ूं,
नंदी उपर स्वार भयो रामा,
मस्तक गंगा धरो,
ये दुख मेरे हरो हरो रे।
शिव शंकर जी को,
तीन नेत्र हैं,
अद्भुत रूप धरो,
अर्धंगी गौरी पुत्र गजानन,
चंद्रमा माथे धरो,
ये दुख मेरे हरो हरो रे।
आसन दाल सिंहासन बैठे,
शांति समाधि धरो,
कंचन थाल कपूर की बाती,
शिव जी की आरती करो,
ये दुख मेरे हरो हरो रे।
मीरा के प्रभु गिरधरनागर,
चरणो में शीश धरो,
हे भोलानाथ दिगंबर मोरे,
ये दुख मोरे हरो,
सब दुख मोरे हरो।
चंदन चावल बेल की पत्तियां,
शिव जी के माथे धरो,
हे भोलानाथ दिगंबर,
सब दुख मोरे हरो रे।