दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठालो लिरिक्स Dar Par Tumhare Aaya Lyrics
दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठालो लिरिक्स Dar Par Tumhare Aaya Lyrics
दर पर तुम्हारे आया,ठुकराओ या उठालो,
करुणा की सिंधु मैया,
अपनी बिरद बचालो,
करुणा की सिंधु मैया,
अपनी बिरद बचालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठालो।
श्रीधर या ध्यानु जैसा,
पाया हृदय ना मैंने,
जो है दिया तुम्हारा,
लो अब इसे सम्भालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठालो।
दिन रात अपना अपना,
करके बहुत फसाया,
कोई हुआ ना अपना,
अब अपना मुझे बनालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठालो।
दोषी हूँ मैं या सारा,
ये खेल तुम्हारा,
जो हूँ समर्थ हो तुम,
चाहे गजब जुठालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठालो।
बस याद अपनी देदो,
सब कुछ भले ही ले लो,
विषमय करील पर अब,
करुणा की दृष्टि डालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठालो।
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठा लो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठा लो,
करुणा की सिंधु मैया,
अपनी बिरद बचा लो,
करुणा की सिंधु मैया,
अपनी बिरद बचालो।
Add Comment
comment url