मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
1. सतगुरु आंगन आया, वी गंगा(ज्ञान) गोमती लाया रे
म्हारी निर्मल हो गयी काया, मैं वारी जाऊं रे... मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
2. सब सखी मिलकर हालो, केसर तिलक लगावो रे घड़ी हेत सूं लेवो बधाई, मैं वारी जाऊं रे मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi
3. सतगुरु दर्शन दीन्हा, भाग उदय कर दीन्हा रे मेरा भरम वरम सब छीना, मैं वारी जाऊं रे मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
4. सत्संगी बन गयी भारी, मंगला गाऊं चारी रे मेरी खुली ह्रदय की ताली, मैं वारी जाऊं रे
मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे, म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
5. दास नारायण जस गयो, चरणों में सीस नमायो सदगुरु पार लगावे , मैं वारी जाऊं , मैं वारी जाउं रे, बलिहारि जाउं रे, म्हारा सतगुरु आंगन आया, मैं वारी जाउं रे।
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे | Vari Jaun Re Balihari Jaun Re | Geeta Parag |