तेरे नैना दो नैना, मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से, मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।
आजा के भर लूँ तुझे, अपनी बाहों में, आजा छिपा लूँ तुझे, अपनी निगाहों में, दीवानों ने विचार के, कहा ये पुकार के, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।
रास बिहारी नहीं, तुलना तुम्हारी, तुमसा ना देखा कोई, पहले अगाड़ी, के लूण राई वार के, के नज़रें उतार के, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।
प्रेम लजाए तेरी, बाँकी अदाओं पर, फूल घटाएं तेरी, तिरछी निगाहों पर, की सौ चाँद वार के, दीवानें गए हार के, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना घनश्याम के, कटीले हैं कटार से।