हे माँ जगदंबे थारी चुनरी रो लिरिक्स Hey Maa Jagdambe Thari Chunari Lyrics
हे माँ जगदंबे थारी चुनरी रो लिरिक्स Hey Maa Jagdambe Thari Chunari Lyrics
हे माँ जगदंबे थारी चुनरी रो,लाल रंग मन भावे,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे,
आई नवरात्रि मन में उमंग बड़ी,
माता ने रिझावण री,
गरबो रमणे की घड़ी,
शहनाई ढोल नगाड़ा बाज रयो,
मृदंग मन भावे,
हे जी मन भावे माँ ,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे।
पीले पीले शेर पर,
केसरिया आसन,
जाके विराज रही,
लाल लाल चोला पहन,
सोलह सिंगार सजी,
छवि मनभावन,
राग रागिनी का करे,
भक्त अभिनंदन,
दरबार तेरा मां,
कलावती वृंदावन,
सारंग मन भावे,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे।
लाडले दुलारे पहन,
सतरंगी परिधान,
खेल रहे गरबा,
और भूले दुनियादारी,
सांची हो भावना तो,
सफल हो मनोरथ,
करती दया भवानी,
भक्तों की हितकारी,
ठुमकने की,
उमंग मन भावे,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे।
अन्न धन यश मान,
सम्मान दीजो मां,
विकार अहंकार मेरे,
मन का हर लीजो मां,
काम किसी के सवारूं,
ऐसी युक्ति कीजो,
संकट में सरल घीरा,
सुध लो पसिजों,
लक्खा को अब बस मा,
तेरे नाम का सत्संग मन भावे,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे।
हे माँ जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे,
आई नवरात्रि मन में उमंग बड़ी,
माता ने रिझावण री,
गरबो रमणे की घड़ी,
शहनाई ढोल नगाड़ा बाज रयो,
मृदंग मन भावे,
हे जी मन भावे माँ ,
हे मां जगदंबे थारी चुनरी रो,
लाल रंग मन भावे।