काया ने सिंगार कोयलिया लिरिक्स Kaya Ne Singar Koyaliya Bhajan
काया ने सिंगार कोयलिया लिरिक्स Kaya Ne Singar Koyaliya Bhajan
गोरे गोरे अंग पे गुमान क्या बावरे,रंग तो पतंग तेरो कल उड़ जावेलो,
धुएं जैसे धन तेरो जातो ना लागे देर,
चोरन को माल नही चोवटे बिकायगो,
मन सुख देय सको तो जीवत ही आवे काम,
मुआ पचे सवांन काग कुतरा ना खायेगो,
ये दुनिया है तानसेन छोड़ दे माया की धुन,
बंद मुठी आयो हाथ खाली जायेगो।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे,
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो,
काया ने सिंगार कोयलिया।
गेहरो फूल रोहिड़ा रो कहिजे,
वे फूलडा मत लाहिजो रे,
थोड़ा फूल घना कर मानु,
फूल हंजारी गलारो लाइजो रे,
काया ने सिणगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे,
काया ने सिंगार कोयलिया।
खारे समुन्द्र रो खारो पानी,
वो पानी मत लाहिजो रे,
थोड़ो नीर घणो कर मानु,
नीर गंगाजल लाहिजो रे,
काया ने सिणगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे,
काया ने सिंगार कोयलिया।
विघम भोम में ऊबो खेजडो,
वन छाया में मत बहिजो रे,
उत्तर दखन रो वाजे वाहिरो,
काटो में रूल जाहिजो रे,
काया ने सिणगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे,
काया ने सिंगार कोयलिया।
बाई रे मीरा री भजन मंडली,
उन मंडली भलो जाहिजो रे,
उन मंडलीरा खरा भरोसा,
डुबतड़ा तर जावो रे,
काया ने सिणगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे,
काया ने सिंगार कोयलिया।
Kaya ne Shringar, Par mandli mat jaijo re
Add Comment
comment url